Sunday, November 8, 2009

सियासी अखाड़े में लगने लगी बोली

सियासी अखाड़े में 'बारगेन बाजार' की रंगत बढ़ने लगी है।



भादो माझी, जमशेदपुर-
नेता बोली लगा रहे हैं और 'डमी प्रत्याशी' अपना-अपना रेट तय कर रहे। वोट काटने की कीमत से लेकर मैदान छोड़ने तक का रेट सियासी सहूलियत के हिसाब से नाप-तौल कर लगाया जा रहा है।

नेताओं का यह 'बारगेन बाजार' इस बार खूब फल-फूल रहा है। पहले चरण में होने वाले चुनाव के लिए दाखिल किये गये नामांकन खुद इसकी तस्दीक करते हैं। एक-एक विधानसभा क्षेत्र से 26-26 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया है। किसी ने जातीय समीकरण का कार्ड खेल कर चुनाव में अपनी अहमियत जताने की कोशिश की है, तो कोई दलीय समीकरण का हिसाब-किताब बैठा कर वोटों की कीमत मांग रहा है।

अब हम आपको बताते हैं नेताओं की इस बारगेन बाजार की 'मंडी' में होने वाले सौदे की हकीकत। दरअसल इस मंडी में वैसे प्रत्याशियों से बारगेनिंग (रुपयों की मांग) की जाती है जिनके चुनाव जीतने की संभावना ज्यादा होती है, या जो एक-दो नंबर पर आने के करीब दिखते हैं। यानी बोली लगाने वाले वे होते हैं जो चुनाव के गंभीर प्रत्याशी हैं, और बारगेनिंग करने वाले वैसे प्रत्याशी होते हैं जो सिर्फ और सिर्फ वोट काटने के लिए मैदान में उतरते हैं। गंभीर प्रत्याशियों के लक्ष्य वोटरों को जाति के आधार पर या पार्टी के आधार पर बांटने का भय दिखा कर ऐसे छोटे-मोटे प्रत्याशी चुनावी मौसम में ठीक-ठाक वसूली कर लेते हैं। अगर सौदा फिट हुआ तो अंतत: ऐसे प्रत्याशी नाम वापस ले लेते हैं, और अगर गंभीर प्रत्याशी ने भाव न दिया तो उनका वोट काटने के लिए मैदान में उतर जाते हैं।

इस बार के चुनाव में पहले चरण के लिए हुए धड़ा-धड़ नामांकन कुछ ऐसे ही बारगेन बाजार की ओर इशारा करते हैं। हालांकि इसमें 'पोलिटिस' भी होता है, योंकि गंभीर प्रत्याशी अपने प्रतिद्वंदियों को कमजोर करने के लिए ऐसे मौके पर करीबी प्रतिद्वंदी प्रत्याशी के जाति या उनकी पार्टी के विक्षुध को खुद फायनांस कर चुनावी मैदान में उतारते भी हैं। बहरहाल इस बार जमशेदपुर पश्चिमी से कुल 26 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया है, जबकि पूर्वी से 22 व जुगसलाई से 13 प्रत्याशी मैदान में हैं। यह आंकड़ा पिछले विधानसभा चुनाव (05) में इस बार की तुलना में कम था। पिछले चुनाव में पश्चिमी से 14 प्रत्याशी थे, तो पूर्वी से 17 व जुगसलाई से 10 प्रत्याशी उतरे थे। चुनाव लड़ने या न लड़ने की बारगेनिंग के लिए फिलहाल पोटका सीट चर्चा का विषय बना हुआ है। यहां एक बड़ी पार्टी के प्रत्याशी से बारगेन करने के लिए कुछ छिटपुट नेताओं ने खुला ऑफर दिया है।

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