Thursday, September 9, 2010
नक्सली बने आदिवासियों को राजनीति में आने का न्योता
जमशेदपुर, नगर संवाददाता : नक्सली दस्ते में शामिल हुए आदिवासियों को राजनीति में उतरने का ऑफर दिया गया है। यह ऑफर किसी और ने नहीं, बल्कि खुद पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने दिया है। सालखन ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि हिंसा से किसी का भला नहीं होगा, इसलिए नक्सली हिंसक लड़ाई लडऩे के बजाय राजनीति में आकार लोकतांत्रिक लड़ाई लड़ें। उन्होंने कहा कि नक्सली बने आदिवासियों को झादिपा में स्वागत है। वहीं नक्सली गतिविधियों पर सवाल उठाते हुए सालखन मुर्मू ने कहा कि नक्सलियों में सिद्धांत नहीं बचा। वे निर्दोषों की हत्या कर रहे हैैं और पूंजिपतियों से लेवी ले रहे हैैं। उन्होंने कहा कि नक्सली अगर शोषण, अत्याचार व आदिवासी अधिकारों की लड़ाई लड़ते तो आज आधी से अधिक इतनी समस्याएं न होतीं, लेकिन आज तक नक्सलियों ने इन मुद्दों पर बंदी नहीं बुलाई। आरोप लगाया कि नक्सलियों ने आदिवासी युवकों का बंधुवा मजदूरों की तरह इस्तेमाल कर रहे हैैं। उन्होंने नक्सलियों पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि नक्सली अब पीडि़तों की लड़ाई नहीं लड़ रहे, बल्कि वे पूंजीपतियों को संरक्षण देने के लिए रकम ऐंठ रहे हैैं। इस दौरान सालखन ने नक्सलियों द्वारा लुकस टेटे को मारे जाने की घटना को भी दुर्भाग्यपूर्ण बताया। कहा कि ऐसी हत्या और हिंसा से किसी का भी भला नहीं हो सकता। कहा कि नक्सली अपने सिद्धांत से भटक गए हैैं और अब वे निर्दोष लोगों को निशाना बना रहे हैैं।
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