आदिवासियों ने जारी किया अपना कैलेंडर
जमशेदपुर : आदिवासी मुंडा समाज ने रविवार को एक नई पहल की। एक ऐसी पहल जिससे न सिर्फ समुदाय को पहचान मिलेगी बल्कि आदिवासी इतिहास भी समृद्ध होगा। समुदाय द्वारा इस पहल के तहत रविवार को उलीडीह में एक कैलेंडर का लोकार्पण किया गया। इस कैलेंडर के जरिए मुंडा समाज ने धरती आबा बिरसा मुंडा को तो श्रद्धांजलि दी ही, समुदाय के साहित्यिक विकास का मार्ग भी प्रशस्त किया।
आदिवासी हो मुंडा समाज की मानगो शाखा के नेतृत्व में की गई इस पहल को अमली जामा पहनाने के लिए मुंडा समुदाय के युवाओं को काफी मेहनत करनी पड़ी। अंतत: उनकी मेहनत रंग लाई और बिरसा मुंडा की स्मृति में कैलेंडर को तैयार कर लिया गया। रविवार को मुंडा समाज के बुद्धिजीवी वर्ग के जलेन्दर नाग, मंगल सामंत, छोटराय सुलंकी व मानिया शंख सरीखी हस्तियों ने इसका लोकार्पण किया। मानगो (उलीडीह) स्थित आदिवासी हाईस्कूल में हुए लोकार्पण समारोह में आदिवासी समुदाय के बुद्धिजीवियों ने इस दौरान समुदाय विकास के मुद्दे पर मंथन किया। जगदीश मुंडा की सक्रियता से सफल हुए इस लोकार्पण समारोह में आदिवासी अस्तित्व की बात उठी तो भाषा व साहित्य को संजोये रखने के मसले पर भी मंथन हुआ। समारोह में जगदीश मुंडा ने कहा कि आदिवासी समुदाय को भाषा व साहित्य के विकास के लिए व्यापक स्तर पर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि अब तक राज्य में जनजातीय भाषाओं की पढ़ाई की उपेक्षा अच्छे संकेत नहीं दे रहे, इसलिए समुदाय को इस उपेक्षा से लोहा लेने के लिए तैयार रहना होगा। वहीं मौके पर जलेन्दर नाग ने कहा कि आदिवासी समुदाय के युवाओं को जनजातीय साहित्य के विकास हेतु प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कैलेंडर के लोकार्पण को इस दिशा में उठाया गया सराहनीय कदम करार देते हुए कहा कि इस कदम को आगे भी बरकरार रखे जाने की जरूरत है। वहीं इससे पूर्व स्थानीय लोगों द्वारा भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। समारोह में रघु सामंत, बुधराम सुलंकी, देवराज मुंडा, हाथीराम मुंडा, मानिया शंख, शिवचरण मुंडा, बबलू बारा, मनोज नाग, बागुन मुंडा, कृष्णा मुंडा, मंगल जोड़ा, गुरुचरण मुंडा आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।
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