Friday, April 2, 2010

गुड फ्राइडे : प्रायश्चित और प्रार्थना को लौहनगरी तैयार

भादो माझी, जमशेदपुर : चालीस दिनों का लेंट गुड फ्राइडे के साथ समाप्त हो जाएगा। पिछले ऐश वेडनेसडे (जबसे लेंट शुरु हुआ) से मसीही समुदाय के लोग पवित्र महीने को प्रायश्चित माह के रूप में प्रार्थना-सभा कर बिता रहे थे, अब शुक्रवार को मातम का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन लौहनगरी समेत पूरे विश्व का ईसाई समुदाय मसीही के त्याग और बलिदान को याद करेगा। इसके लिए संत जोसेफ कैथेड्रल चर्च में विशेष प्रार्थना सभा की तैयारी चल रही है, वहीं इन्फैन्ट जीसस चर्च सोनारी में गुड फ्राइडे के दिन जमशेदपुर धर्मप्रांत के बिशप फेलिक्स टोप्पो प्रभु का संदेश देंगे। इस दिन वे सोनारी में मसीहियों के समक्ष 'लाडर््स पैशन एंड डेथ ' विषय पर आधारित प्रवचन में प्रभु यीशु मसीह के वचनों को श्रद्धालुओं के समक्ष रखेंगे। इस दौरान शहर के तमाम गिरजाघरों में क्रूस को चूम कर यीशु के त्याग व बलिदान को याद किया जाएगा।
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याद की जाएगी यीशु की पीड़ा
जमशेदपुर :  ऐश वेडनेसडे के बाद से शुरु हुआ 'लेंट' गुड फ्राइडे के साथ समाप्त हो जाता है। गुड फ्राइडे के दिन मसीही समुदाय के लोग जिस सलीब (क्रास) पर ईसा मसीह को क्रूसीफाई किया गया था, उसे प्रतीक के रूप में आस्थावानों की श्रद्धा स्वरूप लकड़ी का एक तख्ता गिरजाघरों में रखा जाता है। ईसा अनुयायी एक-एक कर आकर उसे चूमते हैं। इसके बाद दोपहर से तीन बजे तक सर्विस की जाती है। सर्विस में ईसाई सिद्धांतों (चार गोस्पेल्स) में से किसी एक पठन किया जाता है। तत्पश्चात समारोह में प्रवचन, ध्यान और प्रार्थनाएं की जाती है। इसके बाद समारोह में प्रवचन, ध्यान और प्रार्थनाएं की जाती है। इस दौरान मसीही श्रद्धालु प्रभु यीशु द्वारा तीन घंटे तक क्रास पर भोगी गई पीड़ा को याद करते हैं। फिर आधी रात को सामान्य कम्यूनियन सर्विस होती है। कहीं-कहीं कालेज वस्त्र पहनकर मसीही यीशु की छवि लेकर मातम मनाते हुए एक चल समारोह करते हैं और प्रतीकात्मक अंतिम संस्कार भी किया जाता है। चूंकि गुड फ्राइडे प्रायश्चित और प्रार्थना का दिन है, अत: इस दिन गिरजाघरों में घंटिया (बेल) नहीं बजाई जातीं।

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