Friday, April 2, 2010

jamshedpur environment

एक्सएलआरआई में खुला कोपनहेगन का पिटारा

भादो माझी,  जमशेदपुर : कोपनहेगन में हुए जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के दौरान जब पूरा विश्व पर्यावरण को संतुलित करने के मसले पर मंथन कर रहा था, तब शायद किसी ने सोचा नहीं होगा कि आगे चलकर विश्व का यह सर्वाधिक गंभीर मसला भी बिजनेस की श्रेणी में आ जाएगा।
जी हां, आज जलवायु परिवर्तन की समस्या को एक बिजनेस आप्शन के रूप में देखा जा रहा है। कम से कम शहर में स्थित विश्व स्तरीय बिजनेस स्कूल- जेवियर लेबर रिलेशंस इंस्टीट्यूट (एक्सएलआरआई-जमशेदपुर) ने तो इस ओर कदम बढ़ा ही दिए हैं। खास कर उस सम्मेलन के बाद जिसमें जनरल कार्बन के चीफ एक्जीक्यूटिव आफिसर (सीईओ) डा. रामबाबू द्वारा इस क्षेत्र में बिजनेस और भविष्य की संभावनाओं के बारे में बताया गया। एक्सएलआरआई के एक दिवसीय दौरे पर लौहनगरी पहुंचे डा. रामबाबू ने मैनेजमेंट के छात्रों को संस्थान में आयोजित 'सीईओ फोरम' (कार्यशाला) में बताया कि कोपनहेगन में पिछले वर्ष हुए जलवायु परिवर्तन सम्मेलन ने पूरे विश्व को पर्यावरण के प्रति सजग कर दिया है। अब विश्व का हर देश जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए क्लाइमेट बैलेंस मैनेजमेंट सिस्टम लागू करने हेतु बड़ा बजट खर्च करने को तैयार है। ऐसे में इस क्षेत्र (क्लाइमेट मैनेजमेंट सर्विस) में बतौर प्रबंधक काम करने के अवसर तेजी से विकसित हो रहे हैं। राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिक शोध संस्थान के शोधकर्ता रह चुके डा. राम बाबू ने अपने शोध का आधार बताते हुए कहा कि विश्व में फिलहाल आईटी सेक्टर पर विश्व भर के देश जितना बजट खर्च कर रहे हैं, 2020 तक उतना ही बजट जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए इसे संतुलित करने के मैकेनिज्म और मैनेजमेंट सिस्टम पर खर्च करेंगे। उन्होंने छात्रों को जलवायु परिवर्तन की दिशा में अपने आप को एक सफल प्रबंधक के रूप में विकसित करने की बात कही।
कार्बन उत्सर्जन संतुलन का बढ़ा बाजार :- कार्बन उत्सर्जन संतुलित करने का धंधा इन दिनों खासा चंगा चल रहा है। डा. राम बाबू के मुताबिक कार्बन उत्सर्जन का अकेले भारत में 50 बिलियन डालर का बिजनेस है। कई हैं अवसर :- पर्यावरण संतुलन के लिहाज से कई ऐसे अवसर हैं जो बिजनेस के रूप में स्थापित हो सकते हैं। मसलन देश में पर्यावरण के लिए सुरक्षित मानक सुनिश्चित करने वाला संस्थान स्थापित कर, पर्यावरण संरक्षण का मैकानिज्म डेवलपिंग कंपनी स्थापित कर व इको लेवलिंग प्रोडक्ट बनाने की कंपनी स्थापित कर। 

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